राम प्रभू के निकट सनेही । दीन मलीन प्रनत जन नेही ।।
अघ अवगुन छमि होउ सहाई । संतोष मिलैं जेहिं श्रीरघुराई ।।

Tuesday, December 24, 2024

श्रीराम गीता भाग-१६- लक्ष्मी, सावित्री, सरस्वती और पार्वती आदि देवियाँ मेरी आज्ञा का अनुसरण करने वाली हैं

 

भगवान श्रीराम हनुमानजी से कहते हैं कि भगवान वैश्वानर अग्नि मुझ परमेश्वर के आदेश से ही अपने कतर्व्य के पालन में लगे हैं संपूर्ण जल की योनि स्वरूप जो देवेश्वर वरुण हैं वे मुझ परमेश्वर की आज्ञा से ही सबको जीवन प्रदान करते हैं । जो निरंजन परमदेव समस्त भूतों के भीतर-बाहर विराजमान हैं वे मेरी ही आज्ञा से प्राणियों के शरीर का भरण-पोषण करते हैं ।

 जो समस्त मानवों के जीवनदाता तथा देवताओं के लिए अमृत की खान हैं वे चन्द्रदेव मेरी ही आज्ञा से प्रेरित हो अपने कार्य में प्रवृत्त हैं । जो अपनी प्रभा से संपूर्ण जगत को प्रकाशित करते हैं वे सूर्य देव मुझ स्वयम्भू परमेश्वर के अनुशासन से ही वृष्टि का विस्तार करते हैं ।

 समस्त जगत के शासक तथा संपूर्ण देवताओं के ईश्वर जो इंद्रदेव हैं, वे मेरी आज्ञा से ही समस्त यज्ञों का फल देते हुए अपने कर्तव्य-पालन में संलग्न हैं । जो दुष्टों के शासक हैं वे सूर्यपुत्र यमदेवता मुझ देवाधिदेव परमात्मा के नियोग से ही इस जगत में नियम के अनुसार बर्ताव करते हैं ।

                   

  जो सब प्रकार की धन-संपत्ति के अध्यक्ष तथा धन के दाता हैं वे कुबेर भी मुझ ईश्वर के आदेश से अपने कर्तव्य के पालन में संलग्न रहते हैं । जो समस्त राक्षसों के अधिपति औत तपस्वी जनों के फलदाता हैं वे निर्ॠतिदेव सदा मेरी आज्ञा के अनुसार ही चलते हैं । जो वेतालों और भूतों के स्वामी तथा भोगरूप फल प्रदान करने वाले हैं, वे संपूर्ण भक्तों के स्वामी ईशानदेव भी मेरी आज्ञा से ही चलते हैं ।

 

  जो अंगिरा के शिष्य, रुद्रगणों में अग्रगण्य तथा योगियों के रक्षक वामदेव हैं वे भी मेरी आज्ञा के अनुसार ही बर्ताव करते हैं । जो संपूर्ण जगत के पूज्य तथा विघ्नकारक हैं, वे धर्मनेता विनायक देव भी मेरे कथनानुसार ही कार्य करते हैं ।

 

    जो वेदवेत्ताओं में श्रेष्ठ तथा देवा सेना के अधिपति हैं, वे भगवान स्कंद भी नित्यप्रति  मुझ स्वयम्भू से प्रेरित होकर ही कार्य करते हैं । जो प्रजाओं के अधिपति मरीचि आदि महर्षि हैं, वे मुझ परमेश्वर के ही आदेश से विविध लोकों की सृष्टि करते हैं ।

  जो समस्त भूतों को प्रचुर संपत्ति प्रदान करती हैं वे भगवान नारायण की पत्नी लक्ष्मी देवी भी मेरे अनुग्रह से ही कार्यरत होती हैं । जो सरस्वती देवी विपुल वाकशक्ति प्रदान करती हैं वे भी मेरी आज्ञा से प्रेरित होकर ही अपने कार्य में तत्पर होती हैं ।

 

  जो स्मरण करते ही संपूर्ण पुरुषों का घोर नरक से उद्धार करती हैं, वे सावित्री देवी भी मुझ परमदेव की आज्ञा के अनुसार चलने वाली हैं । जो विशेषरूप से ध्यान करने पर ब्रह्मविद्या प्रदान करने वाली हैं वे परादेवी पार्वती भी मेरी आज्ञा का अनुसरण करने वाली हैं ।

 

।। जय श्रीराम ।।

।। जय श्रीहनुमान ।।

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