भगवान श्रीराम हनुमानजी से कहते हैं कि भगवान
वैश्वानर अग्नि मुझ परमेश्वर के आदेश से ही अपने कतर्व्य के पालन में लगे हैं । संपूर्ण जल की योनि
स्वरूप जो देवेश्वर वरुण हैं वे मुझ परमेश्वर की आज्ञा से ही सबको जीवन प्रदान
करते हैं । जो
निरंजन परमदेव समस्त भूतों के भीतर-बाहर विराजमान हैं वे मेरी ही आज्ञा से
प्राणियों के शरीर का भरण-पोषण करते हैं ।
जो समस्त मानवों के
जीवनदाता तथा देवताओं के लिए अमृत की खान हैं वे चन्द्रदेव मेरी ही आज्ञा से
प्रेरित हो अपने कार्य में प्रवृत्त हैं । जो अपनी प्रभा से संपूर्ण जगत को
प्रकाशित करते हैं वे सूर्य देव मुझ स्वयम्भू परमेश्वर के अनुशासन से ही वृष्टि का
विस्तार करते हैं ।
समस्त जगत के शासक तथा
संपूर्ण देवताओं के ईश्वर जो इंद्रदेव हैं, वे मेरी आज्ञा से ही समस्त यज्ञों का
फल देते हुए अपने कर्तव्य-पालन में संलग्न हैं । जो दुष्टों के शासक हैं वे
सूर्यपुत्र यमदेवता मुझ देवाधिदेव परमात्मा के नियोग से ही इस जगत में नियम के
अनुसार बर्ताव करते हैं ।
जो सब प्रकार की
धन-संपत्ति के अध्यक्ष तथा धन के दाता हैं वे कुबेर भी मुझ ईश्वर के आदेश से अपने
कर्तव्य के पालन में संलग्न रहते हैं । जो समस्त राक्षसों के अधिपति औत तपस्वी
जनों के फलदाता हैं वे निर्ॠतिदेव सदा मेरी आज्ञा के अनुसार ही चलते हैं । जो
वेतालों और भूतों के स्वामी तथा भोगरूप फल प्रदान करने वाले हैं, वे संपूर्ण
भक्तों के स्वामी ईशानदेव भी मेरी आज्ञा से ही चलते हैं ।
जो अंगिरा के शिष्य, रुद्रगणों में अग्रगण्य तथा योगियों के रक्षक वामदेव हैं वे भी मेरी आज्ञा के
अनुसार ही बर्ताव करते हैं । जो संपूर्ण जगत के पूज्य तथा विघ्नकारक हैं, वे
धर्मनेता विनायक देव भी मेरे कथनानुसार ही कार्य करते हैं ।
जो वेदवेत्ताओं में
श्रेष्ठ तथा देवा सेना के अधिपति हैं, वे भगवान स्कंद भी नित्यप्रति मुझ स्वयम्भू से प्रेरित होकर ही कार्य करते
हैं । जो प्रजाओं के अधिपति मरीचि आदि महर्षि हैं, वे मुझ परमेश्वर के ही आदेश से
विविध लोकों की सृष्टि करते हैं ।
जो समस्त भूतों को
प्रचुर संपत्ति प्रदान करती हैं वे भगवान नारायण की पत्नी लक्ष्मी देवी भी मेरे
अनुग्रह से ही कार्यरत होती हैं । जो सरस्वती देवी विपुल वाकशक्ति प्रदान करती हैं
वे भी मेरी आज्ञा से प्रेरित होकर ही अपने कार्य में तत्पर होती हैं ।
जो स्मरण करते ही
संपूर्ण पुरुषों का घोर नरक से उद्धार करती हैं, वे सावित्री देवी भी मुझ परमदेव
की आज्ञा के अनुसार चलने वाली हैं । जो विशेषरूप से ध्यान करने पर ब्रह्मविद्या प्रदान करने वाली हैं वे परादेवी पार्वती भी मेरी
आज्ञा का अनुसरण करने वाली हैं ।
।। जय श्रीराम ।।
।। जय श्रीहनुमान ।।
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