राम प्रभू के निकट सनेही । दीन मलीन प्रनत जन नेही ।।
अघ अवगुन छमि होउ सहाई । संतोष मिलैं जेहिं श्रीरघुराई ।।

Tuesday, February 27, 2024

हनुमानजी का भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी के पास जाना और प्रश्न करना

 

सुग्रीवजी के भेजने पर हनुमानजी महाराज विप्र का भेष बनाकर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी के पास गए जो सुग्रीव जी से मिलने के लिए ऋष्यमूक पर्वत की ओर आ रहे थे । हनुमानजी थे तो विप्र भेष में लेकिन रामजी और लक्ष्मणजी के अतुलित तेज और अनुपम रूप सौंदर्य को देखकर उन्हें प्रणाम करके पूछने लगे कि श्याम और गौर शरीर वाले आप लोग क्षत्रिय रूप में बन में फिर रहे हैं । हे वीर आप लोग कौन हैं ? यहाँ की भूमि बहुत कठोर है और आप अपने कोमल पदों से इस पर चल रहे हैं । हे स्वामी किस कारण से आप लोग वन में विचरण कर रहे हैं ।

 

  आप लोगों की शरीर मन को हरने वाली, कोमल और सुंदर है । इस पर आप वन के कठिनता से सहे जाने वाली धूप और वायु को सह रहे हैं । क्या आप त्रिदेवों में से कोई हैं । अथवा आप दोनों नर और नारायण हैं ।

 

  हनुमान जी महाराज ने कहा कि क्या आप इस व्रह्मांड के मूल कारण, और जीवों को संसार रुपी सागर से पार उतारने वाले और पृथ्वी का भार नष्ट करने वाले सभी लोकों के स्वामी साक्षात भगवान ही मनुष्य रूप में अवतार ले लिया है । अर्थात वास्तव में आप कौन हैं ?

 

जग कारन तारन भव भंजन धरनी भार

की तुम्ह अखि भुवन ति लीन्ह मनुज अवतार ।।

 

।। रामदूत हनुमानजी की जय ।।

No comments:

Post a Comment

विशेष पोस्ट

अंजना के वारे-दुलारे सिया सुधि लेने पधारे

  ।। श्रीहनुमते नमः ।।   अंजना के वारे-दुलारे सिया सुधि लेने पधारे । देवन के मन आशा जागी, हर्षे विपुल निराशा भागी । बनिहैं काज हमारे...

लोकप्रिय पोस्ट

कुछ पुरानी पोस्ट

Labels

pvn अंजना माता अंजना सुवन अंजनानंदवर्धन अद्वितीय अध्ययन अयोध्या अश्वनीकुमार आत्मा आत्मा का विज्ञान आत्मा क्या है आदित्य इन्द्रदेव उपदेश उपनिषद ऋतु ऋष्यमूक पर्वत किष्किंधा केसरी जी केसरी नंदन केसरीजी केसरीनंदन क्षण गंधमादन पर्वत गीत गुरू गुरू दक्षिणा जामवंतजी जीव ज्ञान दिवस निमेश पढ़ाई परमात्मा पवनजी पवनतनय पवनदेव पाठ पार्वती पूँछ प्रश्न फल बजरंगबली बंदर बालाजी भक्त भक्ति yog भक्ति योग भगवान भगवान राम का विश्वरूप भगवान श्रीराम भालू भेद मतंग मुनि मन्वंतर महात्म्य महावीर माया मुहूर्त यमदेव योग राम दूत रामजी लक्ष्मणजी लक्ष्मी लोक वानर विद्या विराट स्वरूप वेद शंकरजी शास्त्र शिक्षा शिव भगवान शिष्य श्रीराम श्रीराम गीता श्रीहनुमान सचिव सनातन सरस्वती सांख्ययोग सावित्री सीताजी सुग्रीव जी सुग्रीवजी सुमेरु पर्वत सूर्य देव सूर्य देव जी सूर्यदेव सेवक स्तुति स्वामी हनुमान हनुमान जयंती हनुमान जी हनुमानजी हनुमानजी के गुरू